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भक्तामर स्त्रोत श्लोक 45 (108 बार) । Bhaktamar Strotra 45th Shloka (108 times)
भक्तामर स्त्रोत श्लोक 45 (27 बार) । Bhaktamar Strotra 45th Shloka (27 times)
भक्तामर स्त्रोत श्लोक 45 (27 बार) || Bhaktamar Strotra 45th Shloka 27 times || सर्वरोगनाशक
Bhaktamar Stotra Sanskrit 45th Shloka (108 times) | भक्तामर स्त्रोत 45 (108 बार) |
Bhaktamar Shlok 45 With Mantra & Ridhi By Samani Punya Pragya
रिद्धि मंत्र जाप (108 बार) | Jain Riddhi Mantra Jaap || भक्तामर स्तोत्र पद 45 के पश्चात नित्य जाप॥
भक्तामर स्त्रोत श्लोक 45 (27 बार) । Bhaktamar Strotra 45th Shloka (27 times)
Fast भक्तामर स्तोत्र | Bhaktamar Stotra | Deepak-Roopak Jain सुबह शाम घर-आफिस गाड़ी में सुने पढ़ें
Bhaktamar Stotra: 45th Shloka for curing most dreadful diseases (9,27,27 times chanting)
सर्वरोगनाशक है भक्तामर स्तोत्र -(पद 45) 27 बार सुने बीमारियां दूर होंगी | Bhaktammr shlok rog nashak
1008 नाम मंत्र : जिसके घर में इन मंत्रों की ध्वनि गूंजती है वहां मंगल ही मंगल होता है
Bhaktamar Strot / भक्तामर स्त्रोत आर्यिका 105 पूर्णमति माताजी के स्वर में भक्तामर स्त्रोत